जिला पंचायत पौड़ी में कर निरक्षक कर्मचारी ने 5 साल में ली 50 लाख तनख्वा और वसूले मात्र 46 हजार

RTI से खुलासा ।
उत्तराखंड में सरकारी प्रणाली कितनी दुरुस्ती से काम करती है उसका खुलासा एक आरटीआई के माध्यम से हुआ है जो पंचायती राज विभाग में हुआ है जहां पर पौड़ी जिले में तैनात कर निरीक्षक कर्मचारी अनिल नेगी विगत 2009 से पौड़ी में कर निरक्षक के पद पर तैनात हैं जो तकरीबन 5 सालों की बात करें तो 50 लाख से ऊपर तनख्वाह ले चुके हैं जिनका काम पंचायत की संपत्ति का कर वसूलना है जिसके लिए उन्हें विभाग में तैनात किया गया है आपको जानकर हैरानी होगी कि 70 हजार प्रत्येक महीने तनख्वाह लेने वाला अधिकारी की विगत 5 सालों में मात्र 46 हजार कर वसूली है।
जिसमें जनवरी 2019 में 25 हजार और नवंबर 2020 में 21 हजार कर वसूली की है।
हैरानी की बात तो यह है कि पंचायतीराज के उच्च अधिकारियों द्वारा भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया ।पूरा मामला सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है कि आखिर क्यों ऐसे कामचोर कर्मचारी की आर्थिक जिम्मेदारी सरकार वहन कर रही है ऐसे निकम्मे कर्मचारी पर आखिर नकेल क्यों नहीं कसी जा रही जो सरकारी धन और अपने पद का वहन सही न करके टेक्स पेयरों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं एक तरफ जहां सतपाल महाराज डिजिटल पंचायत बनाने की बात कर रहे हैं वहीं कर्मचारी की ऐसी लापरवाही महाराज के कथनी पर प्रश्नचिन्ह लगाती है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस पूरे मामलें में सरकार द्वारा क्या संज्ञान लिया जाता है ।
और ऐसे कामचोर निकम्मे कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही करती है ।
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