तुर्कि में आए विनाशकारी भूकंप में जान गंवाने वाले विजय कुमार गौड़ का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर उनके आवास में पहुंच गया। अंतिम दर्शन के उपरांत कोटद्वार में खोह नदी के तट पर विजय का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

बताते चलें कि कोटद्वार में पदमपुर-सुखरो स्थित पोखरियाल कालोनी निवासी विजय कुमार गौड़ बेंगलुरु में आक्सीप्लांट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में हाईवेयर इंजीनियर के पद पर तैनात थे। बीती 22 जनवरी को वे गैस प्लांट लगाने के लिए तुर्किये गए थे। जहां छह फरवरी को आए भूकंप ने उनकी जिंदगी लील ली। पांच फरवरी को उनकी अपने स्वजनों से अंतिम बार बात हुई थी। भूकंप आने की सूचना मिलने के बाद से ही स्वजन उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे थे, लेकिन 11 फरवरी को कंपनी ने उनके निधन की पुष्टि कर दी।

11 फरवरी को विजय के हाथ में गुदे ‘ओम’ से उनके शव की शिनाख्त हुई

सोमवार को विजय की पार्थिव देह लेकर कोटद्वार पहुंचे आक्सीप्लांट प्राइवेट लिमिटेड के सेल्स एंड मार्केटिंग मैनेजर अरुण कुमार अनिरुद्धन ने बताया कि विजय के संबंध में कंपनी लगातार तुर्किये एंबेसी के संपर्क में थी। बताया कि 11 फरवरी को विजय के हाथ में गुदे ‘ओम’ से उनके शव की शिनाख्त हुई।

गौरतलब है कि मूल रूप से राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले के जयहरीखाल ब्लॉक के रहने वाले विजय कुमार गौड़ पुत्र स्व. रमेश चंद्र गौड़ का परिवार वर्तमान में कोटद्वार के पदमपुर सुखरो नेगी चौक पर रहता है। बेंगलूरू की ऑक्सीप्लांट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में नौकरी करने वाले विजय बीते 22 फरवरी को कंपनी के काम से तुर्की गए थे। बीते छः फरवरी को तुर्की में आए भूकंप से अवसर नामक वह होटल भी जमींदोज हो गया था।

जिसके बाद से उनका कोई पता नहीं चल रहा था। बीते शनिवार को तुर्की स्थित भारतीय दूतावास ने विजय का शव मिलने की खबर परिजनों को दी। जिस पर परिजनों ने विजय के हाथ में गुदे ऊं से उनकी शिनाख्त की। बता दें कि शिनाख्त होने के बाद तुर्की स्थित भारतीय दूतावास की ओर से विजय का शव दिल्ली भेजा गया। जहां से उनकी कंपनी के सदस्यों द्वारा एंबुलेंस में सोमवार दोपहर बाद 2:00 बजे विजय का शव उनके आवास पर लाया गया। जिसे देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मौके पर मौजूद आस पास के लोगों ने रोते बिलखते परिजनों को बमुश्किल संभाला। जिसके बाद विजय का अंतिम संस्कार गाड़ीघाट स्थित मुक्तिधाम में किया गया।