Omicron से बचाव: ओमिक्रॉन वायरस के तेजी से फैलने के 3 बड़े कारण आए सामने, जानें कैसे बचें

दुनियाभर में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने डर का माहौल पैदा कर दिया है। भारत में भी नए मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यही कारण है कि ओमिक्रॉन के मामलों को देखते हए तीसरी लहर की आशंका से ऐतराज नही किया जा सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ माना गया यह घातक वायरस पिछले साल नवंबर में पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाया गया। बीते दो महीनों में यह वेरिएंट तेजी से दुनिया के सभी कोनों में फैल गया है। WHO के मुताबिक आंकड़ों से पता चलता है कि बीते हफ्ते दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के लगभग 10 मिलियन नए मामले आए थे जिसमें ओमीक्रोन के सबसे ज्यादा केस थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड-19 तकनीकी प्रमुख मारिया वैन करखोव ने हाल ही में इस वेरिएंट को लेकर एक बार फिर चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि यह कितना घातक है और लोग इससे निपटने के लिए क्या कर सकते हैं।
WHO ने बताया कि आखिर क्या है ओमिक्रोन के फैलने के तीन बड़े कारण। आइए जानते हैं।
पहली वजह:
बड़ी आसानी से फैलता है ओमिक्रोन का वायरस
करखोव ने कहा कि कई कारणों की वजह से ओमीक्रोन वायरस लोगों में बड़ी आसानी से प्रसारित होता है। पहली वजह यह है कि वायरस में पाए जाने वाले म्यूटेशन इसे ह्यूमन सेल्स का अधिक आसानी से मानने की अनुमति देते हैं।
दूसरी वजह:
इम्युनीटि का कमजोर होना
उन्होंने बताया कि ओमीक्रोन के तेजी से फैलने का दूसरा बड़ा कारण इम्यून एस्केप है। यानि कि जो लोग कोरोना का टीका लगवा चुके हैं या पहले संक्रमित हो चुके हैं, ओमीक्रोन उन्हें भी अपनी चपेट में ले रहा है। यह देखा गया है कि दोनों खुराक लेने के बाद विकसित हुई प्रतिरक्षा एक समय बाद कमजोर पड़ने लगती है।
तीसरी वजह:
वायरस का ऊपरी श्वसन पथ में रहना
ओमीक्रोन के इतनी आसानी से फैलने की एक वजह यह भी है कि यह डेल्टा और कोरोना के अन्य वेरिएंट के विपरीत ऊपरी श्वसन पथ में अपना घर बना रहा है। ऐसे यह वेरिएंट सबसे अलग है। अन्य वेरिएंट फेफड़ों और निचले श्वसन पथ पर हमला करते हैं।
रोकथाम और उपाय
वायरस के खतरे को कम करना जरूरी है ताकि हम ऐसे मामलों की संख्या को कम कर सकें, और स्वास्थ्य प्रणाली के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों पर बोझ न पड़े। इन उपायों को अपनाकर वायरस से बचा जा सकता है जिनमें टीकाकरण, सामाजिक दूरी का पालन करना, बड़ी सभाओं से बचना आदि शामिल हैं।